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वेतन लाखों में और सस्ती दर में व्यंजन का मजा भी ये है लुटते

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समाचार -
बिलासपुर, 15 मार्च 2023। बढ़ती महंगाई ने आम व्यक्ति की कमर तोड़ कर रखी है ऐसे में उच्च आय वर्ग के सरकारी कर्मचारियों को सस्ते दर पर भोजन की सुविधा मिलता देख यह समझ आता है कि सरकार समाज में केवल विभेद पैदा कर रही है । हम आप संसद और विधानसभा के कैंटीन में मिलने वाले खाद्य पदार्थों की रेट से परिचित हैं और मन ही मन हमें कोफ्त भी होती है कि जिस माननीय सदस्य को प्रति महीने एक लाख से कम वेतन नहीं मिल रहा उसके लिए 10 से ₹20 में तमाम खाने की चीजें उपलब्ध हो जाती है कुछ ऐसा ही रेलवे के दो कैंटीन में चलता है। पहली कैंटीन डीआरएम ऑफिस में है जहां पर आज भी ₹5 में आलू गुंडा समोसा बालूशाही, लड्डू प्राप्त हो जाता है। सब्जी चावल या अंडा करी की थाली मात्र ₹25 में मिल जाती है कॉफी और चाय 8 एवं ₹5 के दर पर मिलता है। इसी क्षेत्र में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन परिसर में जलपान गृह संचालित है इसमें 2021 से आज तारीख तक मूल सूची नहीं बदली है। एक थाली मात्र ₹34 में मिलती है जिसमें चावल 100 ग्राम, रोटी अथवा पराठा 4 पीस, दाल 100 ग्राम, सब्जी दो प्रकार के 50-50 ग्राम, आचार 15 ग्राम, सलाद 50 ग्राम, पापड़ 1, 7 सामान कुल ₹34 में प्राप्त हो जाते हैं। अंडा करी एक पीस वाली मात्र ₹10 में बेची जा रही है मसाला डोसा ₹15 में, सादा डोसा ₹8 में, उपमा 150 ग्राम ₹8 में, इटली 3 पिस ₹8 में, सांभर वडा दो पीस ₹13 में, पूरी और सब्जी मात्र ₹13 में, कॉफी ₹ 8 में, और चाय ₹7 में उपलब्ध है। आलू, गुंडा, कटलेट, आमलेट जैसी चीजें मात्र ₹10 में मिल जाती है। खाद्य पदार्थ की मूल सूची को देखकर यह लगता है कि इस जॉन परिसर में काम करने वाले किसी भी व्यक्ति का वेतन 50000 से कम नहीं है सब के सब टैक्स के दायरे में आते हैं यह वही वर्ग है जो सरकार को आयकर देता है देश में 140 करोड़ की जनसंख्या में यह वो वर्ग है, जिसकी गिनती 15 करोड़ की जनसंख्या में है जो आयकर देता है। अभी कुछ दिन पूर्व मध्य प्रदेश के प्रमुख शहर जबलपुर के आयुध निर्माणी ने कर्मचारी आंदोलनरत थे कारण पूछने पर पता चला की कैंटीन का समोसा जो ₹2 में मिलता था उसका दाम बढ़ाकर ₹4 कर दिया गया। यह स्थिति हास्यास्पद है जब सड़क पर दिन भर धूप में तप कर कभी काम मिला और कभी नहीं मिला रोजी कभी ₹200 मिली कभी ₹300 मिली पर खाने के लिए ऐसे लोगों के पास चार ऐसी लगी हुई कैंटीन नहीं है सरकार ने कभी 5 और ₹10 में जिस खाने की व्यवस्था की थी वे दुकानें कब के बंद हो चुके हैं। बृहस्पति बाजार स्थित श्रमिक प्रतीक्षालय में केवल 2 घंटे के लिए खाना मिलता है लेकिन यह खाना सस्ते दर पर उसी व्यक्ति को मिलता है जिसके पास श्रमिक कार्ड होता है अन्य नागरिक सरकार की ऐसी सुविधा से वंचित है पर केंद्र सरकार के हर महीने ₹50000 से लेकर 150000 प्रतिमाह कमाने वाले व्यक्ति को ₹34 में भरपेट खाना उपलब्ध है। 

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