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इस क्षेत्र में है कौन सा आकर्षण जहां रोज बढ़ रही है युवाओं की संख्या

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समाचार -
बिलासपुर, 6 अप्रैल 2023। जब रोजगार के हर क्षेत्र में काम पाने की मारामारी है देश में देश के लाखों लोगों ने काम ढूंढना ही बंद कर दिया है। ऐसी स्थिति में मीडिया के क्षेत्र में पत्रकारों की संख्या लगातार बड क्यों रही है। हमारे पास सूचना संकलन के सीमित साधन है, उस पर भी जो आंकड़े उपलब्ध हुए हम उसी की बात करेंगे। मीडिया के क्षेत्र में पत्रकारों की बढ़ती संख्या के साथ यह बात भी स्पष्ट कर ली जाए कि जिस संख्या की हम चर्चा करेंगे उसमें से बहुत कम पत्रकारों को उनकी संस्था नियमित वेतन देती है। इसमें भी पीएफ कटवाने वाले पत्रकारों की संख्या और सीमित हो जाती है। बिलासपुर जनसंपर्क कार्यालय के पास लगभग 250 नाम बतौर पत्रकार दर्ज हैं इनमें वर्गीकरण करें तो इलेक्ट्रॉनिक चैनल श्रेणी में 60 पत्रकार, दैनिक अखबारों में काम करने वाले 110 पत्रकार और पोर्टल के रूप में दर्ज 65 नाम विभाग के पास दर्ज हैं। यह जानना भी रोचक होगा कि जिले के सबसे पुराने प्रेस क्लब में 450 के आसपास सदस्य संख्या है अर्थात प्रेस क्लब की सूची में पत्रकारों की संख्या 450 है जबकि जिला जनसंपर्क के पास यही सूची लगभग आधी हो जाती है। आंकड़े का यह अंतर अपने आप में बहुत बड़ा है इसलिए प्रश्नवाचक चिन्ह लगाता है। दैनिक अखबार में कार्यरत पत्रकारों की संख्या 110 बताई जाती है अब इस वर्गीकरण को उपलब्ध दैनिक अखबार से जाचते है। पता चलता है बिलासपुर जिले से हिंदी दैनिक अखबार जिनका मुद्रण और प्रकाशन दोनों बिलासपुर से हो रहा है की संख्या केवल 6 है। कोविड में उसमें से भी एक अखबार ने अपना दफ्तर बिलासपुर में बंद कर लिया, 110 पत्रकार और दैनिक अखबारों की संख्या जो बिलासपुर से प्रकाशित और मुद्रित हो रहे हैं केवल 6 अर्थ सीधा है कि बहुत से अखबार ऐसे हैं जिनका प्रकाशन स्थल बिलासपुर के बाहर है और वह 1-2 संवाददाता रहकर अपना काम चला लेते हैं। ऐसे में दिल्ली, भोपाल, उड़ीसा, महाराष्ट्र, से भी प्रकाशित होने वाले दैनिक अखबार के संवाददाता बिलासपुर में दर्ज हैं। यह बात अलग है कि उन्होंने अपना पद नाम स्टेट हेड से लेकर ब्यूरो चीफ तक बना रखा है। यहां तक की ऐसे भी अखबार मौजूद हैं जिनका मुद्रण तो अन्यत्र हो रहा है पर संपादक बिलासपुर में है जब पता करने की कोशिश करते हैं कि उस अखबार में पत्रकार कितने हैं तो जवाब नहीं मिलता...... इलेक्ट्रॉनिक चैनलों में काम करने वाले पत्रकारों की संख्या 60 के लगभग है इस सूची में बिलासपुर से प्रसारित होने वाले केवल न्यूज़ चैनल भी शामिल है और इस वर्ग में भी बगैर वेतन के काम करने वाले पत्रकारों की संख्या दर्जनों में है। अब बात करते हैं पिछले 5 साल में सर्वाधिक फलने फूलने वाले वेब पोर्टल के इस वर्गीकरण में जिला जनसंपर्क के पास 65 नाम दर्द है पर कोई यह नहीं बता पाता कि ब्लॉक स्तर में कितने पत्रकार कार्यरत हैं। बहुतायत से यह भी देखा गया कि पड़ोसी जिलों के बहुत सारे पत्रकार बिलासपुर जनसंपर्क के पास सूचीबद्ध हो गए और उनका कार्यक्षेत्र उनका पड़ोसी जिला ही है इससे उलट स्थिति भी है पत्रकार का नाम मुंगेली जिले में दर्ज है और कार्यक्षेत्र बिलासपुर है असल में हम इस क्षेत्र में संख्या के रूप में बढ़ रहे पत्रकारों पर चर्चा इसलिए कर रहे हैं कि छत्तीसगढ़ सरकार ने हाल ही में पत्रकार सुरक्षा कानून पेश किया है और सभी पत्रकार संगठन पत्रकार सुरक्षा कानून के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद ज्ञापित कर रहे हैं। ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि सरकारी विभाग में पत्रकार के सूची में पत्रकार की संख्या कितनी है और बार-बार इस बात पर नजर डालें कि मीडिया के क्षेत्र में ऐसी कौन सी विशेषता है जिसमें युवक युक्तियां बगैर वेतन के जुड रहे हैं क्या उनकी इसे लोकतंत्र में गंभीर आस्था कहें कि वह राष्ट्र सेवा का माध्यम मीडिया को बना रहे हैं और लोकतंत्र की स्वतंत्रता के लिए इस क्षेत्र में आ रहे हैं, क्योंकि एक अंतरराष्ट्रीय अध्ययन के अनुसार मीडिया रोजगार का सबसे फ्लाप क्षेत्र है। और अपने काम को नापसंद करने वाला प्रथम क्षेत्र है जहां दिल्ली, मुंबई, नोएडा के कुछ ख्यातनाम पत्रकारों को करोड़ों के पैकेज मिलते हैं वही जिला स्तर पर काम करने वाले पत्रकार को कुछ हजार रुपए प्रतिमाह के लिए भी अपनी गर्दन का पसीना एडी तक लाना पड़ता है, ऐसे हालात में एक शहर बिलासपुर के अंदर यदि सैकड़ों की संख्या में पत्रकार हैं तो पड़ोसी राजधानी रायपुर में कितनी होगी।