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एनडीटीवी पर अडानी का दाव खाली क्यों जाने वाला है

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बिलासपुर, दिसंबर 2। कौवा कान ले गया जमीदार के पास रखी गिरवी जमीन अन्य किसी की हो गई यह सब भारत की ग्रामीण संस्कृति के दांवपच हैं, जो आजकल कथित टाई वाले या खुले शब्दों में कहें कंठ, लंगोट के चले हैं। कोई अपनी ₹424 की चीज को ₹294 में क्यों बेच देगा वो भी 1-2 नहीं हजारों शेयर धारक क्यों भक्त होने लगे...... समझे एनडीटीवी के ढांचे को राधिका राय 16.32%, प्रणव राय 15.94% की हिस्सेदारी जनता जनार्दन 28.81% पर आरआरपीआर होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड 29.18% यही है अडानी। एलटीएफ इन्वेस्टमेंट 9.75%, राय एंड राय ने 29.18% शेयर की एक कंपनी बनाई और उसे एक कंपनी के पास गिरवी रखकर कर्जा ले लिया। कर्जा चौखट दर चौखट बदलते बदलते अंत में आरआरपीआर होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड तक आ गया और इसे अडानी जी ने खरीद लिया। 29.18% के 95% को शेयर में कन्वर्ट किया जा सकता है। कंपनी की ड्राइविंग सीट पर बैठने के लिए इन्हें अभी कम से कम 30% हिस्सेदारी और खरीदनी है जो राय एंड राय बेचने से रहे सो जनता जनार्दन के दरवाजे पर हैं ओपन ऑफर रखा 493 करोड़ जुटाने के लिए कि भैया अपना शेयर 5 दिसंबर के पहले ₹294 प्रति शेयर के हिसाब से हमें दो बाजार में अभी इस शेयर की कीमत कल घंटी बजने पर ₹424 प्रति शेयर थी तो कौन दानदाता है जो विश्व के इस खरबपति सेठ को अपना शेयर ₹294 में बेच देगा। आपके पास यदि एनडीटीवी की शेयर हो तो क्या आप इतने बड़े भक्त हो कि ₹424 की चीज ₹294 में बेच दोगे, सो अभी एनडीटीवी कंपनी पर अदानी जी को ड्राइविंग सीट पर बैठने के लिए और जुगाड़ करना होगा। ईडी इनसे नहीं पूछती की भैया ओपन ऑफर के लिए 493 करोड रुपए कहां से आया अभी कुछ ही दिन पहले तो 5जी के ठेके के लिए स्टेट बैंक से कर्जा लिया था तो जो पैसा जिस काम के लिए लिया है उससे अलग खर्चा कैसे करोगे। पर जब सब कुछ सीईओ की मर्जी से चले तो लोकतंत्र को, अर्थतंत्र को कौन बचाएगा।