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हत्या, बलात्कार के 11 आरोपियों की सजा माफी के बाद आसाराम के समर्थकों में जागी उम्मीद की किरण

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समाचार - बिलासपुर
बिलासपुर। हम गुजरात के दाहोद जिले में 2002 में हुए बलात्कार, हत्या में पीड़ित के नाम की चर्चा नहीं करेंगे। 11 आरोपियों का नाम ससम्मान लिख रहे हैं जशवंत भाई, गोविंद भाई, स्वर्गीय नरेश कुमार, शैलेश भट्ट, राधेश्याम, विपिन चंद्र जोशी, केसर भाई, प्रदीप, बांका भाई, राजू भाई, नितेश, रमेश चंदा, हेड कांस्टेबल सोमभाई सभी को सेशन कोर्ट ने 2008 में उम्र कैद की सजा सुनाई। 14 अगस्त 2022 को यह सभी सम्मानित सजायाफ्ता आरोपी को माफी प्राप्त हुई। इसके बाद हिंदी भाषी क्षेत्र में सुदूर फैले हुए आसाराम बापू के समर्थकों के बीच उम्मीद की एक किरण है जाग गई है उन्हें लगता है कि अब वह दिन दूर नहीं जब सरकार को यह लगेगा कि शीघ्र ही एक समिति बनाकर स्वत संज्ञान लेते हुए आसाराम बापू को माफ कर दिया जाए उल्टा समर्थकों को तो यह भी उम्मीद है कि जेल से रिहा करते समय सरकार आसाराम बापू से माफी मांगेगी कि उसने प्रातः स्मरणीय संत समाज के अगुआ आसाराम बापू को सजा दी. .... । हम यह बात किसी का ह्रदय दुखाने नहीं बोल रहे हैं इन दिनों जिस तरह से लोकतंत्र में निर्वाचित सरकार काम कर रही है उससे तो आसाराम बापू, राम रहीम जैसे अभियुक्त किसी भी दिन जेल से छोड़े जा सकते हैं। नाम न छापने की शर्त पर आसाराम के कुछ समर्थक यह बताते हैं कि इस संबंध में अंदर ही अंदर विचार-विमर्श चल रहा है की सरकार की माफी नीति के तहत कहां किस न्यायालय में कब किससे याचिका दायर कराई जाए की बापू को राहत मिले। याद कीजिए जोधपुर एक अदालत ने बलात्कार के मामले में आसाराम को आजीवन कारावास का दंड दिया था। यौन उत्पीड़न नाबालिग से बलात्कार के मामले में जोधपुर सेंट्रल जेल परिसर के भीतर विशेष न्यायाधीश मधुसूदन शर्मा ने 77 साल के आसाराम बापू को सजा सुनाई थी। जो लोग भूल गए हो वह याद करें आसाराम बापू की तरफ से देश के बड़े नामचीन वकील बचाव में खड़े हुए थे यहां तक कि देश के सुपर नेता भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सदस्य डॉ सुब्रमण्यम स्वामी ने भी अदालत में गला फाड़ फाड़ कर आसाराम बापू के पक्ष में दलील दी थी और अब तो उम्र तकाजा भी यह है कि आसाराम बापू को छोड़ दिया जाए बेचारे कई साल से आयुर्वेद की यौन उत्तेजना बढ़ाने वाली दवा भी नहीं खा रहे हैं ऐसे में महिला समाज को अब उन से डरना भी नहीं चाहिए।